नई दिल्ली धमाका


क्या यही वह देश है जिसे प्राचीन और पवित्र होने की मिसाल माना जाता था...? जी हॉं, मैं भारत की ‍ही बात कर रही हॅूं। प्राचीन तो ठीक है,लेकिन पवित्र... क्या आज की घटना जो नइ दिल्ली के उच्च न्यायालय के गेट न. ५ पर सुबह के दस बजे हुई के बाद भी भारत को पवित्र ही कहेंगे?
    वह देश जिसको राजधानी ही सुरक्षित नहीं है उसके अन्य राज्यों की क्या बात करें। उच्च न्यायालय, जहां भारी तादाद में जीवन के मारे लोग न्याय मांगने जाते हैं उनके जीवन ने ही उनके साथ खेल कर दिया।
    सात सितम्बर २०११ के धमाके के बाद राजधानी के सुरक्षा व्यवस्था पर अनेक सवाल उठने लगे हैं। क्या उच्च न्यायालय इतनी मामूली सी जगह है जहां सुरक्षा का नामोनिशान ही नही था? जाहिर है वरना एसा धमाका होने से रोका जा सकता था। बीते वर्षों में भारत में हुए कई धमाकों के बाद भी क्या सुरक्षा में कोई सतर्कता नहीं बरती गई अगर बरती गई होती तो शायद वे ११ मासूम अपनी जान से हाथ न धोते।  
     आज का यह दिन यकीनन ही एक काला दिन कहलाया जाएगा।

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