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या तो ऐसा करो...

या तो तुम चुन लो वो राह या मुझे मंजि़ल मान लो या तो   ‘ हम ’   से   ‘ तुम ’   और   ‘ मैं ’   हो जाओ या तो यूं ही रहने दो हाथों से संवारा हुआ आशियां या तो मुझे सीने से लगाकर सिर्फ चुप रहो या फिर अपने हाथों से मेरी सांसे छीन लो या तो कह दो सब ठीक है ,   मैं तुम्‍हारा ही हूं या फिर मुझे बताए बिन चुप चाप चले जाओ कहीं तुम्‍हें जाते देख मैं बिखर न जाऊं या तो तबाह कर दो मन मंदिर या मुझे बिखरने से रोक लो ऊंची उड़ान भर जाने दो या तो या अपने हाथों से उजाड़ फेंको छोटा सा गौरैया का घर पंख फड़फड़ा रही है तुम्‍हारी चिडि़या चोट खाए तुम भी तो बैठे होगे यकीन मानो ,   यहां सुकून कतई नहीं है निवाला तुम्‍हारा भी तो नहीं उतरा होगा या तो अपनी छांव में दोबारा समा जाने दो मुझे या फिर काट दो पेड़ की शाख ,   और बेइंतिहा तड़प जाने दो मुझे या तो आओ मेरे हो जाओ या फिर गुज़र जाने दो मुझे   -साशा सौवीर  

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